झारखंड सरकार की तरफ से अब आम जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा का एक बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। राज्य सरकार की “अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना” और “आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना” के तहत अब हर लाभुक को हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसकी मदद से 15 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव होगा। ये कार्ड राज्य के सभी योग्य परिवारों को समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उन्हें इलाज के समय किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो।
झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को जरूरी निर्देश भी जारी कर दिए हैं। खास बात ये है कि राज्य में पहले से मौजूद 1.23 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक अब सीधे इस योजना से जुड़ सकेंगे और सरकारी तथा सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में पूरी तरह से कैशलेस इलाज करा सकेंगे। यह कदम झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
अब 15 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, हेल्थ कार्ड से मिलेगा बड़ा फायदा
अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत झारखंड सरकार राज्य के हर योग्य परिवार को सालाना 15 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने जा रही है। ये इलाज राज्य के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ चयनित प्राइवेट अस्पतालों में भी कैशलेस तरीके से किया जाएगा। अब तक लोगों को इलाज के लिए बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती थी, लेकिन इस योजना के तहत उन्हें अब मेडिकल बिल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
योजना का संचालन पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा और इसके लिए हर लाभुक को एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। हेल्थ कार्ड की मदद से परिवार के सभी सदस्यों की मेडिकल हिस्ट्री, इलाज की जानकारी और खर्च का विवरण रिकॉर्ड रहेगा। राज्य सरकार का यह कदम न सिर्फ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत है, बल्कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी। यह कार्ड राज्य के 1.23 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलना तय है, जो पहले से आयुष्मान योजना से जुड़े हैं। बाकी पात्र लोगों का भी शीघ्र ही नामांकन कर कार्ड वितरण किया जाएगा।
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31 दिसंबर तक पूरे होंगे सभी स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण कार्य
राज्य सरकार की योजना सिर्फ हेल्थ कार्ड तक ही सीमित नहीं है। इसके साथ ही स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि राज्य में निर्माणाधीन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स, और क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स का निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए।
इस काम के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से फंडिंग की जा रही है, जिसमें 15वें वित्त आयोग और आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की भूमिका अहम है। इन योजनाओं से राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में चिकित्सा सेवाएं बेहतर होंगी और लोगों को नजदीकी क्षेत्रों में ही इलाज मिल सकेगा। आने वाले समय में, झारखंड के हर प्रखंड और पंचायत स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है।
अस्पतालों को मिला संचालन फंड, अब नहीं होगी सेवा में रुकावट
स्वास्थ्य सेवाओं को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने अब “मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन और रखरखाव योजना” के तहत झारखंड के सभी सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को यूनाइटेड फंड के रूप में राशि मुहैया कराई है। इस राशि का उपयोग अस्पतालों की साफ-सफाई, मशीनों की मरम्मत, दवाइयों की उपलब्धता, स्टाफ की व्यवस्था और अन्य बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस फंड का सदुपयोग हो और हर खर्च का यूटीआईएलआईटीआई सर्टिफिकेट समय पर जमा किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अस्पतालों की सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें और मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। झारखंड सरकार का यह कदम राज्य की हेल्थ सिस्टम को आत्मनिर्भर और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास है, जिससे आम जनता को वास्तविक लाभ मिलेगा।
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