झारखंड की मंईयां सम्मान योजना से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है, जिससे हजारों महिलाओं की टेंशन बढ़ गई है। जिन लाभार्थियों के बैंक खाते अब तक आधार से लिंक नहीं हुए हैं, उनकी अप्रैल महीने की किस्त रुक सकती है। सरकार ने ऐसे सभी लाभुकों को सिर्फ 3 दिन का समय दिया है, ताकि वो जल्द से जल्द अपने खाते की आधार सिडिंग करवा लें।
अगर इस तय समय के भीतर आधार लिंक नहीं हुआ तो मंईयां सम्मान योजना की ₹2500 की राशि उनके खाते में नहीं आएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि आधार सिडिंग न होने की स्थिति में भविष्य में भी परेशानी बढ़ सकती है और पैसा अटक सकता है।
आधार सिडिंग नहीं होने पर रुक सकती है किस्त
सरकार की तरफ से मंईयां सम्मान योजना के तहत अप्रैल महीने की किस्त भेजने की तैयारी चल रही है, लेकिन जिन महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं, उनका पैसा रोका जा सकता है। विभाग के मुताबिक करीब 10 हजार लाभुक अभी भी ऐसे हैं, जिनका बैंक खाता आधार से नहीं जुड़ा है।
अब सरकार ने इन लाभार्थियों को 3 दिन का वक्त दिया है कि वे अपने नजदीकी बैंक या सीएसपी सेंटर जाकर आधार सिडिंग की प्रक्रिया पूरी कर लें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनकी अप्रैल की किस्त बाकी लोगों के साथ ट्रांसफर नहीं की जाएगी। आधार सिडिंग के अभाव में ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है, जिससे बाद में लाभार्थियों को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
पंचायत स्तर पर लगाई जाएगी सूची, मिल सकेगी जानकारी
जिन महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं, उनकी लिस्ट अब पंचायत स्तर पर चिपकाई जाएगी। जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग की तरफ से सभी प्रखंड कार्यालय और पंचायत भवनों को सूची भेजी गई है, ताकि हर लाभार्थी तक जानकारी सही समय पर पहुंच सके। सूचना पट्ट पर लिस्ट चस्पा की जाएगी, जिससे महिलाएं अपना नाम देख सकें और तुरंत एक्शन ले सकें।
सरकार की ये कोशिश है कि कोई भी पात्र महिला योजना की राशि से वंचित न रहे। अगर लाभुक समय पर अपना आधार लिंक करवा लें तो अप्रैल की राशि अन्य लाभुकों के साथ ही उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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कहां और कैसे कराएं आधार सिडिंग?
जिन लाभुकों ने अभी तक आधार सिडिंग नहीं कराई है, उनके लिए सरकार ने सुविधा भी दी है। सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्थानीय शाखाएं और सीएसपी (Customer Service Point) केंद्रों पर आधार लिंकिंग की व्यवस्था की गई है। महिलाएं अपने बैंक खाते और आधार कार्ड की कॉपी लेकर वहां जाकर यह प्रक्रिया करवा सकती हैं।
आधार लिंकिंग में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और प्रक्रिया बहुत ही आसान है। बस ध्यान देने वाली बात ये है कि आधार में नाम, जन्मतिथि और अन्य डिटेल्स बैंक खाते से मेल खाने चाहिए। अगर कोई गड़बड़ी है तो पहले उसे सुधार लें।
आधार लिंक नहीं हुआ तो दोबारा पैसे ट्रांसफर करना होगा मुश्किल
अगर तय समय में आधार सिडिंग नहीं होती है और अप्रैल की किस्त रुक जाती है, तो आगे जाकर उस राशि को फिर से भेजना तकनीकी रूप से मुश्किल हो सकता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बिना आधार सिडिंग के अगर पैसा फेल हो गया तो दोबारा भुगतान के लिए प्रखंड और जिला कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि लाभार्थी समय रहते इस छोटी सी प्रक्रिया को पूरा कर लें। इससे न सिर्फ अप्रैल की किस्त मिलेगी बल्कि भविष्य की सभी किश्तें भी समय पर आती रहेंगी।
इन प्रखंडों में सबसे ज्यादा लाभुकों का आधार लिंक नहीं
झारखंड के तीन प्रखंडों – उधवा, बरहेट और बरहड़वा – में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं जिन्होंने अब तक आधार सिडिंग नहीं कराई है। इन तीनों प्रखंडों में कुल 4928 महिलाएं ऐसी हैं, जो योजना की राशि पाने के लिए पात्र तो हैं, लेकिन उनका आधार बैंक खाते से लिंक नहीं है। कुल मिलाकर 49% लाभार्थी सिर्फ इन तीन क्षेत्रों से हैं, जो चिंता का विषय है। अगर जल्द आधार लिंकिंग नहीं करवाई गई तो अप्रैल से इन सभी महिलाओं की ₹2500 की किस्त रुक जाएगी।
निष्कर्ष
मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक अच्छी पहल है, जिसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। लेकिन आधार सिडिंग जैसे छोटे से काम में लापरवाही भारी पड़ सकती है। सरकार ने तीन दिन का अल्टीमेटम देकर साफ कर दिया है कि समय पर आधार लिंक नहीं कराने पर राशि रोक दी जाएगी। ऐसे में सभी लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि तुरंत अपने बैंक या नजदीकी सीएसपी केंद्र जाकर आधार सिडिंग करवा लें और योजना की राशि समय पर प्राप्त करें।
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