1 मई से झारखंड में बढ़ेगा बिजली बिल, इतने यूनिट से ऊपर वालों की बढ़ेगी टेंशन, जानिए पूरा अपडेट

झारखंड के लोगों के लिए मई की शुरुआत एक नई मुश्किल के साथ होने वाली है। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग यानी JERC ने 30 अप्रैल को बिजली दरों में बदलाव को लेकर घोषणा कर दी है, जो 1 मई 2025 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगी। इस बार बिजली की दरों में जो बढ़ोतरी की गई है, वो पहले की तुलना में ज्यादा है और खासतौर पर उन लोगों को झटका देने वाली है जो हर महीने 400 यूनिट से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करते हैं।

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने पहले ही इसका प्रस्ताव भेजा था, जिसमें प्रति यूनिट करीब 2 रुपये की बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया था। फिलहाल शहरी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं से 6.65 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल लिया जा रहा है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 8.65 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव पास हो चुका है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

क्यों बढ़ रही है झारखंड में बिजली की कीमत?

झारखंड में बिजली की दरों में यह बढ़ोतरी पिछले दो सालों से रुकी हुई थी। JBVNL को बढ़ती उत्पादन लागत, ट्रांसमिशन खर्च और बिजली की खरीद पर बढ़ते बोझ के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। इसके अलावा कोयले की कीमतों में इजाफा, मेंटेनेंस खर्च और केंद्र सरकार से मिलने वाली बिजली की कीमत में बदलाव भी इस फैसले का बड़ा कारण हैं। JBVNL ने पहले ही कहा था कि अगर दरें नहीं बढ़ाई गईं, तो उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।

नया बिजली रेट किसको कितना प्रभावित करेगा?

बिजली की दरें बढ़ने का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो हर महीने 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं। फिलहाल राज्य सरकार 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देती है और 200 से 400 यूनिट तक इस्तेमाल करने वालों को प्रति यूनिट 2 से 3 रुपये की सब्सिडी भी मिलती है। लेकिन जो उपभोक्ता 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं, उन्हें ना तो सब्सिडी मिलती है और ना ही कोई राहत। ऐसे में इन उपभोक्ताओं पर नई टैरिफ का सीधा और भारी असर पड़ेगा।

फिक्सड चार्ज में भी हुआ है बड़ा बदलाव

केवल यूनिट रेट ही नहीं, बल्कि हर महीने लगने वाला फिक्सड चार्ज भी अब दोगुना कर दिया गया है। अभी तक उपभोक्ताओं से 100 रुपये प्रति माह लिया जाता था, लेकिन अब यह बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है। यानी भले ही आप कम बिजली इस्तेमाल करें, लेकिन यह फिक्सड चार्ज आपको हर हाल में देना होगा।

इसे भी पढ़े :-  झारखंड बोर्ड ने शुरू की कॉपी जांच, जानें कब आएगा रिजल्ट

ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं में फर्क

ग्रामीण इलाकों में बिजली दरें थोड़ी कम होती हैं, लेकिन इस बार वहां भी बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि वहां का असर शहरी क्षेत्रों जितना ज्यादा नहीं होगा। शहरी क्षेत्रों में बिजली की खपत अधिक होती है, इसलिए वहां प्रति यूनिट रेट बढ़ने से लोगों का मासिक बिल भी काफी बढ़ जाएगा। इससे मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास परिवारों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।

क्या आम जनता के लिए कोई राहत है?

सरकार की तरफ से 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की स्कीम जारी है। इसके अलावा 200 से 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को सब्सिडी भी मिल रही है, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन जो लोग बड़े घरों में रहते हैं, या जिनके यहां बिजली के उपकरण ज्यादा चलते हैं, उनके लिए यह नई दरें एक बड़ा झटका साबित हो सकती हैं।

क्या इस फैसले पर जनता का विरोध होगा?

बिजली दरों में अचानक की गई इस बढ़ोतरी को लेकर जनता में नाराजगी देखी जा सकती है। खासकर मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप के लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे। अगर आने वाले समय में गर्मी ज्यादा बढ़ी और बिजली की खपत बढ़ी, तो बिजली बिल भी आसमान छूने लगेगा। कुछ सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से इस पर विरोध की आशंका भी जताई जा रही है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a comment

Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon