Maiya Samman Yojana Camp 2025: झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना का लाभ अब केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जिनके बैंक खाते आधार से लिंक हैं। देवघर जिले की महिलाओं के लिए सरकार ने एक खास मौका दिया है 1 मई से 7 मई तक आधार सीडिंग कैंप। इस शिविर में उन लाभार्थी महिलाओं के खाते आधार से जोड़े जाएंगे, जिन्हें मार्च के बाद ₹7500 की राशि मिली है।
सरकार का साफ कहना है कि अगर इस बार आधार सीडिंग नहीं कराई, तो अगली किस्त ₹2500 की राशि नहीं मिलेगी। इसलिए यह शिविर महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। शिविर पंचायत स्तर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। देवघर के उपायुक्त विशाल सागर ने इस शिविर की तैयारी का पूरा खाका तैयार कर लिया है। अगर आप इस योजना की लाभुक हैं और अभी तक आधार लिंक नहीं कराया है, तो यह मौका बिल्कुल न गंवाएं वरना आपके हिस्से का पैसा सरकार लौटा लेगी।
1 मई से शिविरों की शुरुआत
देवघर जिला प्रशासन ने 1 मई से 7 मई तक जिले की सभी पंचायतों में आधार सीडिंग शिविर आयोजित करने की घोषणा की है। इस दौरान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लाभार्थी महिलाएं आधार कार्ड और बैंक पासबुक लेकर शिविर में पहुंच सकती हैं। जिला उपायुक्त विशाल सागर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पंचायत में व्यवस्था पुख्ता हो ताकि महिलाओं को कोई परेशानी न हो।
ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को बैंक जाने में जो परेशानी होती है, उसको ध्यान में रखते हुए ही ये शिविर पंचायत स्तर पर लगाए जा रहे हैं। योजना का लाभ पाने की शर्त यही है कि बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए, अन्यथा DBT नहीं हो पाएगा। जिन महिलाओं के खाते पहले से लिंक नहीं हैं, उनके लिए ये शिविर आखिरी मौका हो सकता है।
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सिर्फ हालिया लाभुकों को बुलाया जाएगा
इस बार के शिविर में हर महिला को आने की जरूरत नहीं है। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि केवल उन्हीं महिलाओं को शिविर में बुलाया गया है, जिन्हें योजना के तहत 12 मार्च के बाद ₹7500 की राशि प्राप्त हुई है। इसका मतलब है कि आपके खाते में अगर हाल ही में किस्त आई है, तो अभी तक आपका आधार सीडिंग अधूरी है। इस वजह से आप अगली किस्त के लिए पात्र नहीं बन पाएंगी जब तक कि आपका आधार लिंक न हो जाए।
जो महिलाएं पहले ही योजना के तहत पैसा ले चुकी हैं और उनका खाता आधार से जुड़ा हुआ है, उन्हें इस शिविर में आने की जरूरत नहीं है। प्रशासन ने हर पंचायत में सूची तैयार की है और उन्हें सूचना दी जा रही है। इसलिए जानकारी मिलने पर तय तारीख पर शिविर जरूर पहुँचें।
आधार लिंक न होने पर नुकसान
मंईयां सम्मान योजना के तहत ₹2500 की किस्त सीधे Direct Benefit Transfer (DBT) से दी जाती है, जो तभी संभव है जब लाभार्थी का बैंक खाता आधार से लिंक हो। अगर लिंकिंग अधूरी है, तो पैसा सरकार के खाते में वापस चला जाता है और महिला वंचित रह जाती है। यही वजह है कि सरकार ने अब सख्ती से यह अनिवार्य कर दिया है कि बिना आधार सीडिंग के कोई भी भुगतान नहीं होगा।
पहले कुछ महिलाओं को तकनीकी कारणों से पैसे नहीं मिल पाए थे, जिसकी वजह से यह कदम उठाया गया है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना है, लेकिन यदि जरूरी दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी तो लाभ मिलना असंभव है। इसलिए इस बार का शिविर महिलाओं के लिए बेहद जरूरी साबित हो सकता है।
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रांची में सफल हुआ था आयोजन
रांची जिले में 29 अप्रैल को एकदिवसीय आधार सीडिंग शिविर लगाया गया था, जो बेहद सफल रहा। हर पंचायत में महिलाओं की लंबी कतारें लगीं और अधिकांश ने उसी दिन अपने खाते आधार से लिंक करवा लिए। रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की पहल से इस आयोजन को ग्रामीण महिलाओं ने सराहा।
अब देवघर में भी ठीक उसी मॉडल को अपनाते हुए शिविर लगाए जा रहे हैं। यह दिखाता है कि सरकार अब डिजिटल प्रक्रिया को तेजी से बढ़ा रही है और महिलाओं को तकनीकी रूप से जागरूक करने में भी योगदान दे रही है। देवघर में भी ऐसी ही सफलता की उम्मीद की जा रही है, ताकि हर लाभुक महिला योजना का पूरा लाभ पा सके।
पंचायतों में तैयारी जोरों पर है
देवघर के सभी पंचायतों में इस शिविर को लेकर तैयारी चल रही है। बीडीओ, पंचायत सचिव और बैंक मित्रों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे लाभुक महिलाओं को समय पर सूचना दें और शिविर में व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अलावा महिलाओं को जागरूक करने के लिए माइक्रोफोन से प्रचार, पोस्टर और मोबाइल मैसेजिंग का सहारा लिया जा रहा है।
ग्राम सेवकों को निर्देश है कि वे हर घर जाकर जानकारी दें ताकि कोई भी महिला छूट न जाए। सरकार की इस पहल से न सिर्फ योजना में पारदर्शिता आएगी बल्कि डिजिटल जुड़ाव भी बढ़ेगा।
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