भारत की सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर हलचल मच गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमित लेकिन सटीक सैन्य कार्रवाई कर यह साफ कर दिया कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर नरमी नहीं बरतेगा।
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक कड़ा संदेश भी था कि भारत की सैन्य रणनीति अब पुरानी सोच से कहीं आगे निकल चुकी है। इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान के लिए सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
ड्रोन हमलों ने बढ़ाई पाक की चिंता
ड्रोन टेक्नोलॉजी आज के युद्धों की दिशा बदल रही है, और भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में इसका इस्तेमाल बड़ी कुशलता से किया। रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर मध्य पूर्व तक, ड्रोन की ताकत दुनिया देख चुकी है। अब भारत ने भी इस क्षमता का ऐसा प्रदर्शन किया है कि पाकिस्तान जैसे देशों की रक्षा प्रणाली पूरी तरह कमजोर पड़ती दिख रही है।
पाकिस्तान का हवाई रक्षा कवच पहले ही तकनीकी रूप से पिछड़ा माना जाता है, और ड्रोन से किए गए हमलों ने उसे पूरी तरह से असहाय कर दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अब पाकिस्तान के पास ऐसा कोई ठोस सिस्टम नहीं बचा है, जिससे वह इन हमलों से खुद को बचा सके।
पाक की प्रतिक्रिया से बढ़ा तनाव
भारत का उद्देश्य शुरू से ही स्पष्ट था – आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना। लेकिन पाकिस्तान ने इसे एक युद्ध की तरह लेते हुए गुजरात से लेकर कश्मीर तक भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है।
हालांकि भारत की नीति अब भी संयमित और फोकस्ड है, लेकिन पाकिस्तान की बौखलाहट से यह साफ है कि वह इस रणनीति के लिए तैयार नहीं था। विशेषज्ञों के अनुसार, रावलपिंडी की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व अब दबाव में है और उसे यह समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करना है।
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