अगर आप झारखंड की मंईया सम्मान योजना के लाभुक हैं और हर महीने ₹2500 की सहायता राशि पाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अप्रैल की किस्त जल्द ही ट्रांसफर की जानी है, लेकिन उससे पहले सरकार ने कुछ ज़रूरी शर्तें तय कर दी हैं। अगर आपने अब तक बैंक खाता को आधार से लिंक नहीं कराया है या ई-केवाईसी नहीं करवाया है, तो आपकी राशि अटक सकती है।
सरकार द्वारा अब ज़िला स्तर पर विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि सभी पात्र महिलाओं का सत्यापन समय पर पूरा किया जा सके। इस बार शासन ने साफ कह दिया है कि जिनका आधार लिंक नहीं होगा या केवाईसी अधूरी होगी, उन्हें अप्रैल की राशि नहीं दी जाएगी। ऐसे में अगर आप योजना का फायदा लेना चाहती हैं, तो आगे दिए गए तरीकों को ध्यान से पढ़ें और समय रहते काम पूरे कर लें, ताकि आपकी ₹2500 की किस्त समय पर आपके खाते में आ जाए।
आधार लिंकिंग क्यों है जरूरी?
सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजना का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए सबसे पहला और अहम कदम है – बैंक खाता का आधार से लिंक होना। झारखंड सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि अब किसी भी लाभार्थी को तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा जब तक उसका बैंक खाता आधार से नहीं जुड़ा होगा। इस प्रक्रिया से फर्जी लाभार्थियों की पहचान भी की जा सकेगी और वास्तविक लाभुकों को ही योजना का फायदा मिलेगा।
बैंक और आधार लिंकिंग की यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है, जिसे नजदीकी बैंक शाखा में जाकर पूरा किया जा सकता है। अगर आपने पहले से यह काम नहीं किया है तो अब देर न करें क्योंकि अप्रैल की राशि मई के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक जारी की जाएगी। और उससे पहले सरकार सभी खातों की स्थिति की समीक्षा करेगी। जिन लाभार्थियों का लिंकिंग नहीं हुआ होगा, उन्हें अगली सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। इसलिए अगर आप योजना का पैसा पाना चाहते हैं तो तुरंत यह कार्य पूर्ण करें।
ई-केवाईसी प्रक्रिया दोबारा शुरू, जानिए कहां लग रहे हैं कैंप
पहले तकनीकी कारणों से ई-केवाईसी की प्रक्रिया कुछ समय के लिए रोकी गई थी, लेकिन अब सरकार ने इसे पूरी तैयारी के साथ दोबारा शुरू कर दिया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत इस प्रक्रिया को रांची जिले के कुछ प्रखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया गया है। इन प्रखंडों में खिजरी, बरगावां, सिदरौल, आरा और बड़ाम प्रमुख हैं, जहां विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं।
इन कैंपों में बायोमीट्रिक तरीके से आधार सत्यापन किया जा रहा है ताकि यह पक्का हो सके कि लाभुक वही महिला है, जिसने योजना के तहत आवेदन किया था। अगर आपने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, तो अपने ब्लॉक या पंचायत कार्यालय से संपर्क करें और तारीखें जान लें। जिन जिलों में कैंप की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, वहां भी कुछ दिनों में सूचना दे दी जाएगी। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि लगातार अपडेट लेते रहें और किसी भी सूचना को नज़रअंदाज़ न करें।
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अप्रैल की राशि के लिए जरूरी शर्तें और तारीखें
सरकार द्वारा यह तय किया गया है कि मई के पहले सप्ताह में वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल माह की राशि जिलों को भेज दी जाएगी। इसके बाद जिला प्रशासन अपने-अपने स्तर पर लाभुकों के खातों में राशि ट्रांसफर करना शुरू करेगा। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया से पहले दो शर्तें हर लाभुक को पूरी करनी होंगी:
- बैंक खाता का आधार से लिंक होना
- ई-केवाईसी का पूरा होना
अगर इन दोनों में से कोई भी प्रक्रिया अधूरी रह गई तो लाभुक का नाम सूची से बाहर कर दिया जाएगा और राशि ट्रांसफर नहीं होगी। यही नहीं, जिन महिलाओं के दस्तावेज़ों में गड़बड़ी पाई गई है, उन्हें सुधार का मौका दिया जा रहा है लेकिन समय रहते ही। इसलिए अंतिम तारीख से पहले सारी प्रक्रियाएं पूरी करना बेहद जरूरी है, नहीं तो आपकी अप्रैल की किस्त आगे के महीनों तक रुक सकती है।
निष्कर्ष
अगर आप झारखंड सरकार की मंईया सम्मान योजना की लाभार्थी हैं और अप्रैल महीने की ₹2500 की किस्त का इंतज़ार कर रही हैं, तो यह समय लापरवाही करने का नहीं है। तुरंत अपने नजदीकी बैंक जाकर खाता आधार से लिंक कराएं और पंचायत कार्यालय से ई-केवाईसी कैंप की जानकारी लेकर प्रक्रिया पूरी करें।
ये दोनों काम जितनी जल्दी होंगे, आपकी राशि उतनी ही जल्दी आपके खाते में पहुंचेगी। सरकार की तरफ से साफ संकेत है कि इस बार बिना सत्यापन के कोई भुगतान नहीं होगा। इसलिए अगर आप चाहती हैं कि आपकी आर्थिक मदद समय पर मिलती रहे, तो तुरंत जरूरी कार्यवाही करें और योजना का पूरा लाभ उठाएं।
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